ESBI Model : सम्पत्ति लिए Robert Kiyosaki का गुरुमंत्र
"ESBI Model" जिससे लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है और Robert Kiyosaki के "ESBI Model" को समझ कर और इसका अनुसरण करके हजारों लोगों ने असफलता के दलदल से निकल कर ना केवल सफलता के नए मुकाम हासिल किये बल्कि अपने परिवार के लिए अथाह संपत्ति का भी निर्माण किया | तो आइये जानते हैं इस मॉडल को :
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| ESBI Model : सम्पत्ति के लिए Robert Kiyosaki का गुरुमंत्र |
"ESBI Model" ये हैडिंग देखकर कई लोगों को जिज्ञासा हुई होगी कि आखिर ईएसबीआई फार्मुला होता क्या है, पर दोस्तों दुनियां के सफलतम लोगों को इस फार्मुले के तब से पता है, जब इस फार्मुले को डीकोड भी नहीं किया गया था। दुनिया के लगभग सभी धनपति जाने-अनजाने इस "ESBI Model" को ही फोलो करके ही अमीर बने हैं।
क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों नौकरीपेशा और छोटे व मध्यम वर्ग के व्यवसायियों के पास ना तो समय होता है ना और ना ही बहुत ज्यादा पैसा होता है। अब इसका यह मतलब नहीं कि यह वर्ग कम मेहनत करता है, बल्कि यह लोग दिन-रात कड़ी मेहनत भी करते हैं, पर "ESBI Model" सम्पत्ति की के लिए Robert Kiyosaki का गुरुमंत्र का ज्ञान न होने के कारण उन्हें मनवांछित सफलता नहीं मिल पाती।
प्राचीन काल से ही मेहनत को सफलता का सूत्र बताया गया है, जो आंशिक रुप से सही भी है परन्तु यह पूर्णतः सत्य नहीं है और ये बात इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप भी स्वीकार करने लेगेंगे। जैसा कि मैंने पहले भी कहा यह सत्य है कि मेहनत सफलता का आंशिक सूत्र है मतलब सफलता के लिए आवश्यक गुणों में मेहनत भी एक गुण है परन्तु केवल इस गुण से सफलता नहीं मिलती।
मेहनत के साथ अन्य कुछेक और तत्वों की आवश्यकता होती है, जिसके बारे में मैं जल्द ही एक बहुत महत्वपूर्ण लेख इसी वेबपेज पर साझा करने वाला हूं, इसलिए इस पेज को सब्सक्राइब अवश्य कर लें।
अब फिर से आते हैं अपने मूल विषय "ESBI Model" सम्पत्ति की के लिए Robert Kiyosaki का गुरुमंत्र पर। मैं अपने द्वारा पहले पुछा गया प्रश्न फिर से दोहराता हूं कि नौकरीपेशा और छोटे व मध्यम व्यवसायी लोगों के पास समय और पैसा कम क्यों होता है ? तो इसका जवाब है - उनके द्वारा किया जा रहा काम ही उनकी सफलता की सबसे बड़ी बाधा है।
वास्तव में सच्ची सफलता खाली पैसा नहीं है - सम्पत्ति + समय + सम्मान + सुरक्षा इन चारों चीजों का होना ही सफलता है। अक्सर देखा जाता है जिसके पास पैसा होता है उसके पास समय नहीं होता, जिसके पास समय होता है उसके पास पैसा नहीं होता। मान-सम्मान भी कमाया जा सकता है पर सबसे महत्वपूर्ण है सुरक्षा का होना, जो अधिकांश लोगों के पास नहीं होती।
एक नौकरीपेशा या मध्यमवर्गी व्यापारी अधिक सफल इस लिए नहीं हो पाता क्योंकि उसने सफल होने के लिए गलत माध्यम को पकड़ रखा है। उदाहरण के लिए माना आपको धरती से चांद पर जाना है और आपको एक बहुत बढ़िया रेंजर साइकिल दी जाए तो आप कितनी देर में पहुंच जाओगे ? उत्तर है - कभी नहीं । साइकिल तो छोड़िये यदि शानदार स्पोर्ट कार भी मिल जाए तो भी हम उससे चांद तक नहीं पहुंच सकते है। अगर यहां से चांद तक पुल भी बना दिया जाए तो वहां पहुंचने में बहुत ज्यादा समय लगेगा।
यही लोगों के साथ होता है, लोग छोटा-मोटा व्यवसाय करके या नौकरी करके अपने चांद-तारे छूने के सपने देखते हैं। लेकिन ये सपने वैसे ही हैं जैसे साईकिल से चांद पर जाना। चांद पर जाने के लिए तो राॅकेट या स्पेश शटल की जरुरत पड़ती है।
"ESBI Model" सम्पत्ति की के लिए Robert Kiyosaki का गुरुमंत्र इसी बारे में है कि सफलता के लिए सही माध्यम क्या है। यह सूत्र सबसे पहले एक सफल बिजनेसमैन और लेखक रोबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) ने अपने बेस्ट सेलर किताब Cashflow Quadrant (कैशफ्लो क्वार्डरेन्ट) में दिया था।
Robert Kiyosaki के विषय में हम दूसरे लेख में पढ़ेंगे पर सबसे पहले हम जानते हैं कि आखिर ये "ESBI Model" सम्पत्ति की के लिए Robert Kiyosaki का गुरुमंत्र क्या है, जिसने कई लोगों को करोड़पति बनाया है।
"ESBI Model" - ईएसबीआई क्या है
Robert Kiyosaki के अनुसार ये पुरी दुनिया चार क्वाॅडरेन्ट (वृत खण्ड) या सेगमेन्ट में विभक्त है, इन्हीं सेगमेन्ट से लोग पैसा कमाते हैं। जिसके दो सेक्टर है एक लेफ्ट और एक राईट । लेफ्ट सेक्टर में "E" और "S" आते हैं तथा राईट में "B" और "I" (देखें चित्र 1.1)
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| ESBI Model : 1.1 |
"E" क्वाडरेन्ट से यहां मतलब Employee से है यानी नौकरी या रोजगार । दुनिया में अधिकांश लोग इस क्वाॅडरेन्ट में आते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी नौकरी सरकारी है, अर्द्धसरकारी है या गैरसरकारी। यहां आप जितना समय देते हो उसी के हिसाब से आपको पैसा मिलता है। Employee अपनी जाॅब को अपना समय बेचकर पैसा कमाता है।
"S" क्वाडरेन्ट से मतलब Self Employee यानी स्वरोजगार है। इस क्वाॅडरेन्ट के लोग स्वयं को बिजनेसमैन कहते हैं, लेकिन यह समझ लेना चाहिए कि यदि कोई व्यवसायी 10-12 लोगों की मदद से कोई व्यवसाय चला रहा है वह बिजनेस नहीं है। हां, उसे हम Small Business कह सकते हैं, लेकिन यह भी स्वरोजगार की श्रेणी में आता है,क्योंकि यहां भी आपको अपना समय अपने रोजगार के लिए बेचना पड़ता है।
क्या आपने किसी छोटे व्यवसायी को देखा है जो अपने व्यवसाय के प्रति बिलकुल निश्चिंत हो ? एक छोटा व्यवसायी अपने आपको अपने ही रोजगार में इतना उलझा लेता है कि उसके पास समय नहीं रहता। वह अपने सारे कर्मचारियों से अधिक शारिरीक या मानसिक श्रम करता है। इसलिए इसे भी बिजनेस की संज्ञा नहीं दी जा सकती।
अब आते हैं राईट साइड जहां "B" क्वाडरेन्ट से मतलब Business यानी व्यवसाय है। अपनी किताब में कियोसाकी ने लिखा है कि वास्तविक बिजनेसमैन वह होता है, जिसके पास व्यवसाय का एक सिस्टम हो तथा जिसके लिए कम से कम 500 एक्टिव लोग काम करते हों।
एक बिजनेसमैन को कभी जरुरत से ज्यादा शारीरिक या मानसिक श्रम नहीं करना पड़ता क्योंकि उसके लिए उसने प्रशिक्षित लोगों को रखा होता है। एक बिजनेसमैन अगर अपने व्यक्तिगत कारणों से 1 महीने के लिए कहीं चला भी जाए तो उसका सिस्टम और कर्मचारी व्यवसाय का चलाते हैं |
फिर "I" क्वाडरेन्ट से मतलब Investor यानी निवेशक है। इन्वेस्टमेन्ट को अमीर लोगों का प्लेग्राउन्ड कहा जाता है। यहां ना आप मेहनत करते हैं ना आपके लिए कोई और मेहनत करता है, बल्कि यहां तो आपका पैसा ही आपके लिए मेहनत करता है। इस क्वाॅडरेन्ट में आने वाले पैसो से पैसा कमाते है। (देखें चित्र 1.2)
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| ESBI Model : 1.2 |
"E-S" और "B-I" में अंतर
अब देखते हैं कैश का फ्लो कैसे होता है - एक एम्पलोई और सेल्फ एम्पलोई जहां अपनी जिन्दगी के 40 साल काम करके थोड़ा बहुत पैसा बचा पाते हैं वहीं एक बिजनेसमैन लोगों से काम करवाकर और अपने पैसों को इन्वेस्ट करके थोड़े ही समय में बड़ा लाभ प्राप्त कर लेता है, जिससे उसे आर्थिक और समय की आजादी मिलती है।
हम यदि अपने आसपास नजर घुमाएं तो हमें ज्यादातर वही लोग मिलेंगे जो लेफ्ट सेक्टर यानी "E-S" में आते हैं मतलब या तो नोकरीपेशा या स्वरोजगार वाले। हमारे परिचय में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसके पास एक बिजनेस सिस्टम हो तथा जिसके लिए 500 एक्टिव लोग काम करते हों। (देखें चित्र 1.3)
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| ESBI Model : 1.3 |
90% V/s 10% - यह वास्तिविकता है कि वर्तमान समय में विश्व जनसंख्या का 90 प्रतिशत हिस्सा लेफ्ट सेक्टर में आता है, पर ये सभी मिलकर विश्व अर्थव्यवस्था का 10 प्रतिशत हिस्सा ही कवर कर पाते हैं। पर आश्चर्य की बात तो यह है कि राइट सेक्टर में आने वाले 10 प्रतिशत लोग विश्व अर्थव्यवस्था का 90 प्रतिशत हिस्से का उपभोग करते है।
Single V/s Team Work - E-S में आने वाले जिन्दगी भर अकेले काम करना पसंद करते हैं उन्हें यही लगता है कि उस काम को उनसे बेहतर कोई नहीं कर सकता। एक छोटा व्यवसायी भी किसी प्रोडक्ट को पंसद करने, बनाने, प्रचार करने, आर्डर लेने, बेचने और आय-व्यय का हिसाब खुद रखने तक का सारा काम स्वयं करता है।
दुसरी और B या एक सफल बिजनेसमेन / बड़ा व्यवसायी इन सभी कामों के लिए प्रोफेशन लोगों को लगाता है, क्योंकि उसे पता है कि एक प्रोफेशनल ट्रेंड व्यक्ति इस काम को उससे बेहतर कर सकता है। इससे काम की गुणवत्ता भी बढ़ती है और बिजनेसमेन को समय की आजादी भी मिलती है।
Single work या एकांकी कार्य मानसिकता वाले अधिकांश व्यक्ति अकेले सफल होना चाहते हैं। परम्परागत बाजार व्यवस्था- Traditional Market System में व्यापारी प्रतियोगिता से घबराता है, इसका कारण यही है कि वह अपने दम पर सामना नहीं कर सकता। वहीं बड़े व्यवसायी प्रतियोगिता से नहीं घबराते इसका कारण है Team Work या समूह कार्य की मानसिकता। टीम वर्क की ताकत से बिजनेसमैन अपनी उत्पादक और वितरण क्षमता को सुधार सकता है।
Active V/s Passive - एक ओर जहां E-S को खुद जितने समय काम करते हैं उसी अनुपात में पैसा मिलता है, जिसे Active Income या सक्रिय आय कहते हैं। वहीं एक बार सिस्टम जनरेट करने के बाद B के लोगों से काम करवाकर पैसा कमाता है या I (इन्वेस्टर) बनकर पैसों से पैसा कमाता है, जिसे Passive Income या निष्क्रिय आय कहते हैं यानी आप काम करो या ना करो पैसा आएगा।
Hard Work V/s Smart Work - ज्यादातर E-S क्वाॅडरेन्ट में आने वाले लोग कड़ी मेहनत को एकमात्र विकल्प मानते हैं और जो काम थोड़े से स्मार्टवर्क से हो सकता है उसे जान-बूझकर कठीन बना देते हैं। इस सेक्टर में आने वाले लोग अपनी जिन्दगी के 40 साल पैसा कमाने में खर्च कर देते हैं और कई तो 80 साल की उम्र तक भी जब शरीर और दिमाग साथ नहीं देता फिर भी वह मेहनत करते रहते हैं।
इतनी मेहनत करने के बाद भी इनके पास स्वयं के लिए या परिवार के लिए समय नहीं बच पाता है और सारी उम्र कमाने के बाद भी ज्यादा बचत नहीं कर पाते। सारी उम्र दो हाथ और एक दिमाग से मेहनत करने के बाद भी जब बड़ा काम नहीं हो पाता तो इनके काम को इनकी आने वाली पीढ़ी आगे बढ़ाती है, लेकिन वह भी इसी चक्रव्यूह में फंस जाती है।
वहीं दूसरी ओर B-I क्वाॅडरेन्ट वाले लोग या तो लोगों की मदद से पैसा कमाते हैं। यहां सैंकडों प्रशिक्षित हाथ और दिमाग की ताकतें लगती है और सिस्टम की मदद से काम होता है, इस प्रकार के कार्यों से ही एक व्यक्ति को समय की और पैसों की आजादी मिलती है - इसे ही स्मार्टवर्क कहा जाता है
एक महान अर्थशास्त्री ने कहा था कि आप तब अमीर बनते हो जब आपकी सम्पत्ति के ब्याज का भी ब्याज आपके लिए कमाए। ये तभी हो सकता है जब आप Compound Effect (चक्रवृद्धि प्रभाव) की ताकत को समझ लें, जो इन्वेस्टर बनकर कमाई जा सकती है। कम्पाउन्डिंग की ताकत से एक आम व्यक्ति लगभग 4-5 साल के स्मार्टवर्क से बहुत बड़ा लाभ कमा सकता है।
Time = Money - इसे एक उदाहरण से समझें तो एक कर्मचारी या छोटा व्यापारी प्रतिदिन 12 घंटे के हिसाब से 40 वर्ष लगातार काम करता है तो वह लगभग 1,75,000 घंटे ही काम कर सकता है और यदि वह 138 रुपये प्रतिघंटे भी कमाता है, जो कि महीने के लगभग 50000 रुपये होते हैं वह भी अपने 40 वर्षों में केवल 1,75,000 x 138 x 2,41,50,000/- (लगभग 2 करोड़ 42 लाख रुपये) ही कमा पाएगा।
वहीं एक सफल बिजनेसमैन के लिए 500 एक्टिव लोगों में से प्रत्येक खाली 10 घंटे भी प्रतिदिन काम करता है तो खाली एक साल में ही 10 x 500 x 365 x 18,25,000 घंटे काम हो जाएगा और यदि वह प्रत्येक कर्मचारी के कारण 20 रुपये प्रतिघंटा भी कमाता है तो वह बिजनेसमैन केवल एक साल में ही 18,25,000 x 20 x 3,65,00,000/- (लगभग 3 करोड़ 65 लाख रुपये) कमा लेगा। इसी को कहते हैं - आर्थिक व समय की स्वतंत्रता।
Investment को सही प्रकार से समझें
नौकरीपेशा लोग या छोटे व्यापारी जहां अपने धन को बैंक बचत खाते या एफडी के रुप में रखकर अपनी बचत की मानसिकता पर जोर देते हैं वहीं कोई मध्यमवर्गी व्यवसायी स्टाॅक या म्यूच्अल फण्ड आदि में पैसा लगाकर पैसों से पैसा कमाने में विश्वास रखता है। लोगों को ESBI Model सरल भाषा में समझाने वाले Robert Kiyosaki खुद अमेरिका के सफलतम इन्वेस्टर हैं और ESBI Model पर उनकी किताब Cashflow Quadrant (कैशफ्लो क्वार्डरेन्ट) उनके अनुभव का उदाहरण है |
इन्वेस्टमेन्ट के बारे में हर सफल व्यक्ति जानता है, परन्तु ज्यादातर लोग सही इन्वेस्टमेन्ट को नहीं समझते। यह बिलकुल ऐसा है कि आप अपने पैसों से कितना काम करवाना चाहते हैं, यदि आप चाहते हैं कि आपका पैसा बहुत कम पैसा कमा पाए तो उसे एफ.डी. के रुप में रख सकते हैं जहां 3 से 7 प्रतिशत का ब्याज मिलता है। जो थोड़ा ज्यादा कमाना चाहते हैं वो म्यूचअल फण्ड में निवेश कर सकते हैं जहां आपका पैसा 7 से 25 प्रतिशत की दर से बढ़ता है।
इन दोनों माध्यमों से आपका पैसा जिस गति से बढ़ेगा वह बिलकुल वैसा ही होगा जैसे साईकिल या कार से चांद तक जाना। ज्यादातर सफल लोग अपने पैसों का एक बड़ा हिस्सा अपने ही व्यवसाय को फैलाने में लगाते हैं । वह अपने कर्मचारियों की उत्पादक और विक्रय क्षमता को बढ़ाने व अपने बिजनेस को फैलाने में अपने धन का इस्तेमाल करते हैं।
एक उदाहरण से समझें आपके शहर में रिलायंस का पेट्रोल पम्प होगा। जब यह पेट्रोल पम्प अच्छी तरह से चलने लगता है और रिलायंस कम्पनी को फायदा पहुंचाने लगता है तो कम्पनी की अगली पाॅलिसी क्या होगी ? जी हां, कम्पनी वहां से मिले फायदे से एक और पम्प उसी शहर में या आसपास के क्षेत्र में खोल देगी। सफल व्यवसायी अपने पैसों को अपने व्यवसाय की वृद्धि में इन्वेस्ट करते हैं।
ESBI Formula - सफलता का सूत्र हमारे जीवन को कैसे बदल सकता है
सबसे पहले हमें ESBI Formula - सफलता का सूत्र के अनुसार यह देखना होगा कि हम कहां पर आते हैं, क्योंकि रोबर्ट टी कियोसाकी ने अपनी पुस्तक कैशफ्लो क्वाॅडरेन्ट में लिखा है कि अगर बड़ी सफलता लेनी है तो हमें कम से कम दो क्वाॅडरेन्ट में काम करना होगा और अंततः इन्वेस्टर वाले क्वाॅडरेन्ट में आना ही होगा, तभी हम सफल 90% इकोनोमी के हिस्सेदार बन पाएंगे।
अपनी वर्तमान स्थिति को देखकर हमें "E" अथवा "S" से या तो सीधे या "B" से होते हुए "I" क्वाॅडरेन्ट में आना ही होगा तभी हम निष्क्रिय इनकम कमा पाएंगे और एक सफल व्यक्ति बन पाएगें। यही वह मार्ग है जिस पर जाने-अनजाने चलकर ही सदियों से कोई भी व्यक्ति सफल बन सका है।
Conclusion - निष्कर्ष
यह ESBI Model : सम्पत्ति के लिए Robert Kiyosaki का गुरुमंत्र किसी भी आम व्यक्ति को खास बना सकता है बस जरुरत है तो इसे सही प्रकार से समझने की और इस पर विश्वास करके इसे अपनाने की। इसी एक चाबी से सम्पत्ति, समय, सम्मान और सुरक्षा के सभी दरवाजे खुलते हैं।
ज्यादातर लोग जो इस ESBI Model : सम्पत्ति के लिए Robert Kiyosaki का गुरुमंत्र को नहीं जानते वह अपने क्वाॅडरेन्ट पर ही बने रहना चाहते हैं और सोचते हैं कि जिन्दगी भर यहीं रहकर अमीर बन सकते हैं, बहुत ही ज्यादा मुश्किल या यों कहें नामुमकिन है।
हम आज चाहे किसी भी क्वाॅडरेन्ट में क्यों न हों पर यदि हमें एक सफल व्यक्तित्व बनना है तो हमें इन्वेस्टर वाले क्वाॅडरेन्ट में आना ही होगा तथा अपने व्यवसाय को फैलाना ही होगा। साथ ही, ऐसे काम जो दूसरों से करवाए जा सकते हैं वह काम उन्हें सौंपने ही होंगे। अगर हम सारे काम खुद ही करते रहे तो हमारे पास कभी समय नहीं रह पाएगा।
निवेदन: आशा है कि इस लेख (ESBI Model : सम्पत्ति के लिए Robert Kiyosaki का गुरुमंत्र) ने आपका कुछ मार्गदर्शन तो किया होगा। भविष्य में भी इस वेबपेज से इसी तरह के मूल्यवान विषयों पर अच्छे लेख आपके सामने आते रहेंगे। इसलिए इस पेज को सबस्क्राईब जरुर करें और अगर लेख अच्छा लगा हो तो इसका लिंक अपने दोस्तों, रिश्तेदारों से जरुर शेयर करें ताकि उन्हें भी इस लेख का फायदा हो सके।




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